Baba Siddiqui Murder Case: अरविंद केजरीवाल बोले, ‘ये लोग पूरे देश में गैंगस्टर राज कायम करना चाहते हैं’
Baba Siddiqui Murder Case: मुंबई में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की दिनदहाड़े हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, बल्कि यह कानून-व्यवस्था की एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में गैंगस्टर राज स्थापित करने की साजिश हो रही है। उन्होंने जनता से बीजेपी के खिलाफ खड़े होने की अपील की है।
गैंगस्टरों की बढ़ती सक्रियता पर सवाल
दिल्ली के मंत्री और AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने भी इस घटना पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “मुंबई में बीजेपी की सरकार है और आप देख सकते हैं कि वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति कैसी है। उनके नेता की हत्या कर दी गई है। दिल्ली में भी कानून और व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है, और यहां भी हालात मुंबई जैसे होते जा रहे हैं। बीजेपी की राज्य और केंद्र सरकारें केवल राजनीति में व्यस्त हैं, उनके पास शासन के लिए समय नहीं है।”
सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि क्या सरकार इन गैंगस्टरों को बढ़ावा दे रही है? उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गंभीर स्थिति है और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
विशेष सेल करेगी मुंबई पुलिस की मदद
दिल्ली पुलिस की विशेष सेल इस मामले की जांच में मुंबई पुलिस की मदद के लिए मुंबई जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, विशेष सेल की पांच सदस्यीय टीम को मुंबई भेजा जा सकता है। मुंबई पुलिस पहले से ही हत्या के पीछे कई संभावित कारणों की जांच कर रही है। एक प्रमुख संभावना यह है कि गैंगस्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई इस हत्या का कारण हो सकती है।
शनिवार की रात, बाबा सिद्दीकी को उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर गोली मारी गई। तीन हमलावरों ने उन पर छह गोलियां दागीं। इस घटना के तुरंत बाद, बाबा सिद्दीकी को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हालांकि, मुंबई पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीसरा फरार हो गया। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने ली हत्या की जिम्मेदारी
इस हत्या की जिम्मेदारी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने सोशल मीडिया के जरिए ली है। इस दावे की सत्यता की जांच की जा रही है। पुलिस इस मामले की जांच कई कोणों से कर रही है, जिनमें व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता, मुंबई के स्लम पुनर्वास प्रोजेक्ट्स, और गैंगस्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई शामिल हैं।
लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। मुंबई और दिल्ली पुलिस उसकी जेल में जाकर उससे पूछताछ कर सकती हैं। इसके साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस हत्या का कोई ठेका दिया गया था, जैसा कि सोशल मीडिया पर किए गए दावों से इशारा मिलता है।
मुंबई और दिल्ली पुलिस का संयुक्त प्रयास
मुंबई और दिल्ली पुलिस दोनों ही इस मामले में कई पहलुओं से जांच कर रही हैं। खासतौर पर यह देखा जा रहा है कि क्या यह हत्या किसी व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का नतीजा है या गैंगस्टरों के बीच चल रहे वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा। पुलिस ने घटनास्थल से कुछ 9 एमएम के खोल बरामद किए हैं। साथ ही, सोशल मीडिया पर किए गए दावे की भी जांच की जा रही है कि महाराष्ट्र के शुबू लोंकर ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है।
गैंगस्टरों की बढ़ती सक्रियता: कानून-व्यवस्था पर खतरा
बाबा सिद्दीकी की हत्या न केवल एक राजनैतिक हत्या है, बल्कि यह मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में बढ़ती आपराधिक घटनाओं की ओर भी इशारा करती है। गैंगस्टरों की बढ़ती सक्रियता कानून-व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राज्य और केंद्र सरकारें इस स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम हो रही हैं?
अरविंद केजरीवाल और सौरभ भारद्वाज जैसे नेताओं ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार सिर्फ राजनीति में व्यस्त है और कानून-व्यवस्था पर उनका ध्यान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी की सरकारें कहीं न कहीं इन गैंगस्टरों को बढ़ावा दे रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप इस तरह की हिंसक घटनाएं हो रही हैं।
राजनीतिकरण और आम जनता की सुरक्षा
इस हत्या ने देश में एक बार फिर से कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आम जनता की सुरक्षा को दरकिनार किया जा रहा है? क्या राजनीतिक दल अपने राजनैतिक लाभ के लिए इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं? बाबा सिद्दीकी की हत्या ने इन सवालों को जन्म दिया है और इसका उत्तर जल्द ही मिलना चाहिए।
कानून-व्यवस्था का मुद्दा किसी भी राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है, और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इसे बनाए रखे। जब अपराधी बेखौफ होकर खुलेआम हत्याएं करने लगते हैं, तो यह संकेत है कि कानून का डर खत्म हो चुका है। इस स्थिति को सुधारने के लिए जरूरी है कि सरकारें अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करें और राजनीतिक लाभ से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू करें।